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किसानों द्वारा नरवाई जलाने पर किया गया मामला दर्ज

सागर,वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज रिपोर्टर सुशील द्विवेदी 8225072664 * कलेक्टर संदीप जी. आर. के निर्देशानुसार जिले में फसल अवशेष जलाने के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में रहली तहसील के ग्राम बगरोन में किसान अजय पिता घूमन दांगी द्वारा खेत में मक्का फसल के अवशेष जलाने की घटना सामने आई। इस संबंध में हल्का पटवारी श्री विक्रम तिवारी ने 23 अक्टूबर 2025 को थाना रहली में एक लिखित आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन के आधार पर आरोपी अजय दांगी के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की धारा 223(ख) एवं 287 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई है। जांच में यह पाया गया कि अजय दांगी ने खसरा नंबर 309/4/2, कुल रकबा 1.80 हेक्टेयर में से लगभग 0.40 हेक्टेयर भूमि पर मक्का की नरवाई जलाकर शासन के स्पष्ट निर्देशों का उल्लंघन किया है। शासन द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु सुपर सीडर एवं अन्य यांत्रिक उपकरणों के उपयोग की सलाह दी गई है। इसके बावजूद कुछ किसान नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। इस पर तहसीलदार रहली के आदेशानुसार प्राथमिकी दर्ज की गई है राहतगढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम बहादुरपुर में भी मक्का की नरवाई जलाने पर दो किसानों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। फरियादी मनोज कुमार प्रजापति, निवासी वल्लभ नगर वार्ड, थाना मोतीनगर, जिला सागर ने इस संबंध में तहसीलदार राहतगढ़ के माध्यम से थाना राहतगढ़ में आवेदन प्रस्तुत किया। जांच में पाया गया कि यह घटना कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन है, जिसके अंतर्गत जिले की सीमा में पराली या नरवाई जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध है। नायब तहसीलदार राहतगढ़ एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत पंचनामा प्रतिवेदन में उल्लेख किया गया कि ग्राम बहादुरपुर, प.ह.नं. 08, खसरा नं. 269/2 की भूमि पर, जो कृषक बृजेश कुमार उर्फ उपकार एवं जयबाबू उर्फ उत्सव के स्वामित्व में है, वहां खेत में कटे हुए मक्का के डंठलों में आग लगी पाई गई। इस पर तहसीलदार राहतगढ़ के निर्देशानुसार थाना राहतगढ़ में दोनों किसानों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। कलेक्टर ने जिले के सभी किसानों से अपील की है कि वे नरवाई या पराली न जलाएं तथा फसल अवशेष प्रबंधन हेतु शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए संसाधनों का उपयोग करें। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में धान, गेहूं एवं अन्य फसलों के अवशेषों को खेतों में जलाना प्रतिबंधित किया गया है।

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